नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को भारत से कालापानी इलाके से अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा। उन्होंने कहा, नक्शा कोई भी छाप लेता है। बात इसमें सुधार की नहीं, अतिक्रमण की है। नेपाल दूसरों की जमीन पर एक इंच अतिक्रमण नहीं करेगा और अपने क्षेत्र का एक इंच हिस्सा दूसरों को नहीं देगा। हम भारतीय सुरक्षाबलों को कालापानी से हटाएंगे। नेपाल की जमीन पर नेपाली सेना रहेगी।
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सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की शाखा, नेशनल यूथ एसोसिएशन की पहली बैठक को संबोधित करते हुए ओली ने कहा, हम नेपाल की हर इंच भूमि की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है। देश की सीमा पर दशकों से अतिक्रमण किया गया है, पर एनसीपी की अगुवाई वाली सरकार जल्द अपनी जमीन वापस लेने के प्रयास करेगी। ओली ने कहा, नेपाल अपने कब्जे वाले क्षेत्र से विदेशी सैनिकों को हटाने में सक्षम है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस समस्या का हल आपसी बातचीत से निकाला जा सकता है।
भारतीय दूतावास के आगे प्रदर्शन
दरअसल जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद भारत ने देश का अपडेटेड राजनीतिक नक्शा जारी किया था। नेपाल लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेक को भारतीय सीमा में शामिल करने का विरोध कर रहा है। नेपाली कांग्रेस के जुड़े संगठन नेपाल विद्यार्थी संघ ने रविवार को लैनचौर स्थित भारतीय दूतावास के समक्ष प्रदर्शन किया। इन लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।