गाजीपुर। किसी की मौत हो जाने पर मृतक और उसके परिवार के साथ हर कोई अपनी संवेदनाएं जताता है और गमगीन परिवार की हर संभव मदद करने का प्रयास करता है। लेकिन गाजीपुर के सरकारी महकमो में किसी की मौत हो जाने पर भी मानवता और इंसानियत से कोई लेना-देना नहीं होता। बल्कि यहां मौत के मुआवजे पर भी सरकारी विभाग के लोगों को अपना कमीशन चाहिए। ऐसा ही एक मामला गाजीपुर के बिजली विभाग से सामने आया है। जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो जाने के बाद बिजली विभाग की तरफ से रूपया 5 लाख की अनुकंपा राशि विभाग के द्वारा देने के निर्देश दिए गए, लेकिन भुगतान के लिए विभागीय अधिकारी और कर्मचारी को सुविधा शुल्क नहीं मिला तो महीनों से पीड़ित परिवार को दौड़ा रहे हैं। इसके बाद थक-हारकर पीड़ित परिजनों ने जिला अधिकारी और अधीक्षण अभियंता बिजली विभाग को पत्रक और पैसा मांगे जाने का ऑडियो सौंपा।
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क्या था सम्पूर्ण मामला
दरअसल, जमानिया ब्लॉक के महेवा गांव के रहने वाले रामबालक यादव जो अपना घर बनवा रहे थे, इसी दौरान 17 मई 2023 को एलटी लाइन से स्पर्श हो जाने के कारण उनकी मौत हो गई थी और उसके मुआवजे के लिए परिवार के द्वारा बिजली विभाग और उपनिदेशक विद्युत सुरक्षा उत्तर प्रदेश शासन को शिकायत की गई थी। इसके बाद विद्युत सुरक्षा के द्वारा अधिशासी अभियंता जमानिया को क्षतिपूर्ति प्रदान करने के निर्देश दिए गए थे। जिसको संज्ञान में लेते हुए अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल गाजीपुर के द्वारा रूपया 5 लाख का भुगतान 1 नवंबर 2023 को स्वीकृत किया गया और उसके भुगतान के लिए अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड तृतीय जमानिया को भुगतान करने का निर्देश दिया।
मुआवजे पर अधिकारियों की गिद्ध निगाहें
इस निर्देश के बाद पत्र विभागीय अधिकारियों के पास गया। लेकिन विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौत के इस मुआवजा पर भी अपनी गिद्ध निगाहें टिकाए रहे। लगातार पीड़ित और उनके परिजनों के द्वारा विभाग के चक्कर लगाने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया। वहीं कुछ दिनों पहले बिजली विभाग जमानिया में कार्यरत कर्मचारी धर्मेंद्र कुमार के द्वारा पूर्व प्रधान रजनीश यादव के मोबाइल पर फोन कर इस भुगतान के बदले 5 से 10 हजार रुपए की मांग की गई और यह भी बताया गया कि इसमें कई लोग शामिल हैं, जिसमें बड़े साहब भी शामिल हैं।
तंग आकर जिला अधिकारी के पास पहुंचा पीड़ित परिवार
बताया जा रहा है कि विभाग के कर्मचारी धर्मेंद्र कुमार के द्वारा भुगतान के बदले पैसे की डिमांड की गई और उसे पूरा नहीं करने पर परिवार को लगातार दौड़ाया गया, जिससे तंग आकर पीड़ित आज जिला अधिकारी के दरबार में पहुंचा और वहां पर अपना शिकायत पत्र देते हुए कर्मचारी के द्वारा पैसे मांगने का ऑडियो भी जिला अधिकारी को सुनाया। जिसे जिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया इसके अलावा पीड़ित बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता पुरानचंद के कार्यालय भी पहुंचा और उन्हें भी अपना पत्र सौंप कर पैसे मांगे जाने का ऑडियो सुनाया। इस मामले पर अधीक्षण अभियंता पुरनचंद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है और वह इसके लिए विभागीय जांच कर कार्रवाई जरूर करेंगे।