राजनीति

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल करतारपुर कॉरिडोर श्रद्धालुओं सेवा शुल्क लेने को बताया बेहद शर्मनाक

क्या आप दैनिक "आवाज प्लस" डिजिटल/प्रिंट संस्करण परिवार का हिस्सा बनना चाहते है?

सर्वप्रथम आपका "आवाज प्लस" परिवार में स्वागत है।"आवाज प्लस" परिवार का हिस्सा बनने हेतु कृपया अपनी जानकारी को अपने मोबाइल पर ही साझा करने के लिए लिंक 👉 https://whatsform.com/gvmwav को क्लिक करे, आपका "अधिकार पत्र" 7 कार्यदिवस में स्वतः प्राप्त हो जायेगा, आवेदन पूर्णतः निःशुल्क एवं सभी पद अवैतनिक है। आवेदन सम्बन्धित नियम/शर्ते की जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट 👉 https://epaper.awazplus.in को विजिट करे।

हमें भेजे अपनी परेशानी

यदि आपके आस-पास भी ऐसी कोई परेशानी है, तो हमसे फोटो शेयर करें. हम आपकी परेशानियों को सरकार और सम्बन्धित अफसरों के सामने रखेंगे. अपनी परेशानी फोटो सहित हमारे व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करें. हमारा व्हाट्सएप 8009927772 है।

नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के बयान को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बेहद शर्मनाक! बताया है. उन्होंने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि करतारपुर साहिब में दर्शन के लिए भारतीय श्रद्धालुओं से 20 डॉलर की फीस लेना आस्था के नाम पर कारोबार करने जैसा है. पाकिस्तान ने इसे एक कारोबार की तरफ देखना शुरू किया है. बात दें कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने करतारपुर साहिब में दर्शन को लेकर कहा था कि इस फीस से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. हरसिमरत कौर ने पाकिस्तान के इस फैसले को लेकर सोशल साइट्स पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है. जिसमें वह कह रही हैं कि आखिर कोई गरीब श्रद्धालु दर्शन के लिए इतनी बड़ी रकम का भुगतान कैसे कर सकता है.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इससे पहले भी पाकिस्तान द्वारा करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का सेवा शुल्क लेने पर जोर दिए जाने की निंदा की थी. उन्होंने इसकी तुलना ‘जज़िया’ कर से की थी. यहां बनने वाली एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) के स्थान का दौरा करने आयी केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह शुल्क निंदनीय है और यह ‘जजिया’ लागू करने के समान है.

पत्रकारों ने जब पाकिस्तान द्वारा शुल्क वसूलने के बारे में पूछा था तो उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा था कि विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया है. जज़िया एक प्रकार का धार्मिक कर होता है. इतिहास में इसे मुस्लिम राज्य में रहने वाली गैर मुस्लिम जनता से वसूल किया जाता था. बादल ने केंद्र को एकीकृत जांच चौकी का नाम ‘सत करतार आईसीपी’ नाम पर रखने का भी अनुरोध किया.

बादल ने कहा था कि 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली एकीकृत जांच चौकी 31 अक्टूबर तक तैयार हो जाएगी. वह शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और अपने पति सुखबीर सिंह बादल के साथ आईसीपी भी गयी और वहां काम की समीक्षा की.

रिपोर्ट- आवाज प्लस डेस्क

हम सब जानते है कि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ है। अतः हमने अपने देश और या इसके लोगों अपनी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों को समझना चाहिये। मीडिया व्यक्ति विशेष एवं संगठन के रूप में समाज में क्रांति तथा जन जागरण का प्रतीक है। इसलिये हमें ये समझना होगा की हम पर कितनी बड़ी जिम्मेदारी है और हमें किस लिये कार्य करना है। AWAZ PLUS में हम यही करने की कोशिश कर रहे है और बिना एक अच्छी टीम और टीम के सदस्यों के बिना ये संभव नहीं है। अतः मैं गुजारिश करूंगा कि बेहतरी के लिए हमारे साथ शामिल हो। आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ !!

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker