बाड़मेर: राजस्थान की पोखरण फायरिंग रेंज से भारत ने नये ज़माने की जंग लड़ने की प्रैक्टिस की है। यहां 200 किलोमीटर के दायरे में सिंधु सुदर्शन एक्सरसाइज़ हो रही है। दुश्मन के इलाक़े में 100 किलोमीटर तक घुसने के लिये जंग का पूरा सामान है। सिंधु सुदर्शन एक्सरसाइज़ में 300 टैंक, 400 बख़्तरबंद गाड़ियां और 300 तोपें शामिल की गई हैं।
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इतना ही नहीं शनिवार तक 50 हज़ार छोटे-बड़े गोले भी दाग़े जा चुके हैं। सिंधु सुदर्शन एक्सरसाइज़ में T-90 टैंक, BMP, जिसमें 30 मिलीमीटर की गन लगी होती है और साथ में 155 मिलीमीटर के गोले दाग़ने वाली K-9 वज्र तोप से गोले दागे गए। इनके अलावा पिनाका और BM-21 ग्रैड मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर का भी इस्तेमाल किया गया है।
बता दें कि T-90 टैंक हर 8 सेकेंड में एक गोला दाग़ता है, यानी हर मिनट में 7 गोले फायर कर सकता है। वहीं, K-9 वज्र एक मिनट में 8 गोले दाग़ सकता हैं और पिनाका मल्टी बैरल लॉन्चर 12 रॉकेट दाग़ता है। इनके अलावा BM-21 ग्रैड 20 सेकेंड में 40 रॉकेट लॉन्च करता है। इनके जरिए दुश्मन को खाक में मिलाना और आसाम हो जाता है।
सिंधु सुदर्शन एक्सरसाइज़ में सेना की स्ट्राइक कोर ने दुश्मन के इलाक़े को घेरने, 100 किलोमीटर तक घुंसने और उसकी जमीन पर कब्जा करने का, पूरा अभ्यास किया है। इसके लिए दुश्मल के इलाके में हेलीकॉप्टर से उतरने की प्रैक्टिस भी की गई। बता दें कि बाड़मेर से पाकिस्तान की सीमा 200 किलोमीटर दूर ही है और सेना भी यह अभ्यास 200 किलोमीटर के दायरे में ही कर रही है।
ऐसे में पैग़ाम साफ़ है कि भारत जो काम दो किलोमीटर अपनी सरहद में कर सकता है वही काम सरहद पार 200 किलोमीटर के दायरे में भी किया जा सकता है। सिंधु सुदर्शन एक्सरसाइज़ में भारतीय सेना ने अपनी इसी ताक़त को आज़मा कर देखा है। 9 दिसंबर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में स्ट्राइक कोर पूरा दमखम दिखा रही है।